नई दिल्ली। सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) भारत का नया अटार्नी जनरल नियुक्त किया जाएगा। 1 अक्टूबर से वे इस पद का अपना कार्यभार संभालेंगे। इससे पहले 19 जून 2014 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें देश का अटार्नी जनरल बनाया था।  मुकुल 18 जून 2017 तक देश के 14वें अटार्नी जनरल के पद पर रहे। मुकुल रोहतगी देश के जाने माने वकील हैं।

30 सितंबर को अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल का खत्म हो रहा कार्यकाल

वर्तमान में कार्यकारी अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल (K.K. Venugopal) का कार्यकाल 30 सितंबर को खत्म हो रहा है और उन्होंने अपने कार्यकाल को आगे बढ़ाने से इनकार किया है। 91 वर्षीय वेणुगोपाल को देश के शीर्ष कानून अधिकारी का कार्यभारत 30 जून 2017 में सौंपा गया था और कई बार उनका सेवा विस्तार किया गया था। 29 जून को 91 वर्षीय वेणुगोपाल को तीन महीने के लिए फिर से अटार्नी जनरल नियुक्त किया गया था।हाल ही में वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को संकेत दिया था कि वह 30 सितंबर के बाद पद को नहीं संभालेंगे। देश के टाप वकीलों में से एक मुकुल रोहतगी ने इस कार्यभार को संभालने की सहमति दी है। इससे पहले साल 2014 में उन्हें तीन साल के लिए अटार्नी जनरल बनाया गया था।

अटार्नी जनरल का कार्यकाल आमतौर पर तीन साल का होता है। के के वेणुगोपाल का इस पद पर पहला कार्यकाल साल 2020 में समाप्त होना था उस वक्त उन्होंने सरकार से उनकी बढ़ती उम्र के कारण उन्हें उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त करने का अनुरोध किया था। लेकिन बाद में उन्होंने एक वर्ष के नए कार्यकाल को स्वीकार कर लिया था।

मुंबई के गवर्नमेंट ला कालेज से की थी कानून की पढ़ाई

देश के जाने- माने वकीलों में शुमार मुकुल रोहतगी ने कानून की पढ़ाई मुंबई के गवर्नमेंट ला कालेज से की थी। इसके बाद मशहूर वकील योगेश कुमार सभरवाल के जूनियर रहकर उन्होंने प्रैक्‍ट‍िस शुरू की। योगेश कुमार सभरवाल 2005-2007 तक देश के 36वें मुख्य न्यायाधीश भी रहे थे। उसके बाद 1993 में दिल्‍ली हाईकोर्ट ने उन्हें सीनियर काउंसिल का दर्जा दिया और 1999 में रोहतगी एडिशनल सालिसिटर जनरल बन गए।

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