नई दिल्ली। एमआरजी स्कूल रोहिणी के छात्रों ने विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन कर बढ़ती वैश्विक जनसंख्या के कारणों और प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा की। इस कार्यक्रम में छात्रों के रचनात्मक प्रयासों को प्रदर्शित किया गया, जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण की तत्काल आवश्यकता को व्यक्त करने के लिए नाटक, नुक्कड़ नाटक और रैप गीतों का उपयोग किया।

गोष्ठी में इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि हम सभी सांस लेने के लिए ताजी हवा, रहने के लिए पर्याप्त भूमि और खाने के लिए स्वस्थ भोजन के हकदार हैं, लेकिन हमारी बढ़ती आबादी को नियंत्रित किए बिना यह संभव नहीं है, छात्रों ने अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि के परिणामों का उत्साहपूर्वक प्रदर्शन किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पर्यावरण के संरक्षण और सभी के लिए टिकाऊ संसाधन सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।

छात्रों ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया, जिसमें बढ़ती आबादी से जुड़े गंभीर मुद्दों पर प्रकाश डाला गया। अपने नुक्कड़ नाटक (नुक्कड़ नाटक) और मनमोहक रैप गीत के माध्यम से, उन्होंने प्रभावी ढंग से यह संदेश दिया कि जनसंख्या वृद्धि के प्रगतिशील ग्राफ को कम करना हमारे देश और समाज की सुरक्षा के लिए जरूरी है।

एमआरजी स्कूल की प्रिंसिपल सुश्री अंशू मित्तल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, “छात्रों ने बढ़ती आबादी से उत्पन्न चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में सराहनीय काम किया है। उनके रचनात्मक दृष्टिकोण ने उनके साथियों को शामिल कर व्यापक रूप से एक सकारात्मक संदेश समाज को दिया है।”

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