Breaking
गुरु ने सनातन संस्कृति का किया अपमान-हरिओम त्यागी

मेजर अरविंद कुमार

मुज़फ्फरनगर,भोपा। उत्तर भारत की ऐतिहासिक एवं पौराणिक महाभारतकालीन तीर्थनगरी शुकतीर्थ में महाशक्ति सिद्धपीठ की संचालिका ब्रह्मलीन राजयोगिनी मां राजनंदेशवरी को उनके गुरु द्वारा पत्नी बताए जाने पर त्यागी समाज व आश्रम के अनुयायियों में गहरा रोष व्याप्त हो गया। त्यागी समाज के लोगों एवं अनुयायियों ने इसे सनातन धर्म व सनातन संस्कृति का अपमान बताया है साथ ही ब्रह्मलीन साध्वी के साथ साथ एक महिला का चरित्र हनन बताते हुए इसकी घोर भर्त्सना की। त्यागी समाज के लोगों व अनुयायियों का आरोप है कि गुरु द्वारा पहले साजिश के तहत आश्रम की संचालिका साध्वी की हत्या कर दी गई और सम्पत्ति हड़पने के लिए तरह तरह के कुचक्र रचें जा रहें। त्यागी समाज के लोगों व आश्रम के अनुयायियों की मांग व साधु-संतों के द्वारा एसएसपी को ज्ञापन सौंपकर साध्वी की मौत प्रकरण की जांच फिलहाल एसपी देहात व भोपा थाने के सीओ द्वारा की जा रही है। उधर मौजूदा आश्रम संचालक द्वारा कुछ लोगों पर साजिशन आश्रम की करोड़ों रुपए की सम्पत्ति को हड़पने का आरोप लगाया जा रहा है।


शुकतीर्थ स्थित महाशक्ति सिद्ध पीठ आश्रम की संचालिका परम राजयोगिनी मां नंदेश्वरी की विगत 27 मई को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। साध्वी की मौत के साथ ही त्यागी समाज के लोगों व मां राजनंदेश्वरी के अनुयायियों के द्वारा मौजूदा आश्रम संचालक योगीराज प्रकाशानंद महाराज एवं उनके गोद लिए गए पुत्र चंद्रमा ब्रह्मचारी पर आश्रम की करोड़ों रुपए की संपत्ति को हड़पने का आरोप लगाया जा रहा है। त्यागी समाज सभा मुजफ्फरनगर के जिलाध्यक्ष हरिओम त्यागी ने कहा कि विगत दिनों योगीराज प्रकाशानंद महाराज के द्वारा ब्रह्मलीन मां राजनंदेशवरी को अपनी पत्नी बताया गया जिससे त्यागी समाज के लोगों एवं आश्रम के अनुयायियों में गहरा रोष है।उनका कहना है कि त्यागी समाज मुजफ्फरनगर के द्वारा करोड़ों रुपए आश्रम को दान में दिए गए हैं। आश्रम में आते जाते समय योगीराज प्रकाशानंद महाराज साध्वी योगिनी राजनंदेश्वरी को मां कहकर पुकारते रहे हैं और मां राजनंदेशवरी द्वारा भी योगीराज प्रकाशानंद महाराज को अपना गुरु व पिताजी कहकर संबोधित किया गया है। लेकिन पहले तो एक साज़िश के तहत आश्रम की करोड़ों रुपए की सम्पत्ति हड़पने को योगीराज प्रकाशानंद महाराज ने अपने गोद लिए गए पुत्र चंद्रमा ब्रह्मचारी आदि के साथ मिलकर साध्वी मां राजनंदेशवरी की हत्या कर दी गई और साक्ष्यों को मिटाने के लिए उनका जल्दी में बिना अनुयायियों को सूचना दिए ही दाह संस्कार कर दिया गया।अब आश्रम की करोड़ों रुपए की सम्पत्ति को हड़पने के लिए मां राजनंदेश्वरी को अपनी पत्नी बताया जा रहा है।जो सनातन धर्म एवं सनातन संस्कृति के खिलाफ है। सनातन धर्म में कभी भी मां को पत्नी नहीं कहा गया है लेकिन उनके गुरु द्वारा गुरु शिष्या परम्परा को कलंकित कर एक परम राजयोगिनी महिला व ब्रह्मलीन साध्वी का अपमान कर समाज के लोगों एवं हजारों अनुयायियों की भावनाओं को आहत किया गया है।हम सब इसकी घोर भर्त्सना व निंदा करते हैं। योगीराज प्रकाशानंद महाराज व उनके गोद लिए गए पुत्र चंद्रमा ब्रह्मचारी के गलत कार्यों व मनसूबे को उनके अनुयाई कभी पूरा नहीं होने देंगे। उधर बुधवार को शुकतीर्थ नगरी के साधु-संत समाज के द्वारा एक ज्ञापन एसएसपी को दिया गया जिसमें साध्वी की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की है। महामंडलेश्वर स्वामी गोपाल दास महाराज सहित तीर्थनगरी के साधु-संतों का कहना है कि साध्वी मां राजनंदेशवरी के दाह संस्कार के समय उनके शरीर पर काफी चोट के निशान थे। साधुओं का अंतिम संस्कार नहीं होता उन्हें भू समाधि या जल समाधि दी जाती है लेकिन साध्वी के शरीर को जल्दी में जला दिया गया जबकि उन्होंने अपनी समाधि का पहले से ही आश्रम में स्थान नियत कर रखा था। उधर आश्रम के मौजूदा संचालक योगीराज प्रकाशानंद महाराज का कहना है कि लगभग तीन दशक पूर्व उनके द्वारा आश्रम की स्थापना की गई थी। विगत 5 मार्च 1994 को 4 वर्ष के बालक चंद्रमा ब्रह्मचारी को गोद लिया गया था जिसका गोदनामा 27 जुलाई 2019 को करीब 25 वर्ष की आयु में रजिस्टर्ड कराया गया। कुछ लोगों के द्वारा षड्यंत्र कर मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है तथा उन्हें आश्रम छोड़ने की धमकियां दी जा रही है। उनके विरुद्ध साजिश कर प्रशासन को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। 11 जून को राजनंदेश्वरी की षोडशी में कुछ लोग बखेड़ा कर किसी आपराधिक घटना को अंजाम दे सकते हैं। आश्रम के अनुयायियों हरीश त्यागी का कहना है कि बालिग युवक का गोदनामा कानूनन वैध नहीं है। आश्रम की संपत्ति को हड़पने के लिए योगीराज प्रकाशानंद महाराज ने अपने पोते को गोदनामें में पुत्र दर्शाकर 25 वर्ष की उम्र के पोते का गोदनामा रजिस्टर्ड करा दिया। मामले को लेकर आश्रम के मौजूदा संचालक व संरक्षक योगीराज प्रकाशानंद महाराज पर आश्रम के विरुद्ध साजिशन रचने, सम्पत्ति को हड़पने, सनातन धर्म व सनातन संस्कृति में गुरू शिष्य परम्परा को कलंकित करने, मृतका साध्वी व महिला के चरित्र व सामाजिक मान-मर्यादा के साथ खिलवाड़ करने, पोते से पुत्र बनें युवक के मोह में अनुयाइयों व त्यागी समाज की भावनाओं को आहत करने सहित अनेक आरोप अनुयायियों द्वारा लगाए जा रहे हैं। मामले को लेकर पुलिस प्रशासन गंभीर है। एसएसपी के आदेश पर प्रकरण की जांच एसपी देहात अतुल श्रीवास्तव कर रहे हैं।दो दिन पहले एसपी देहात अतुल श्रीवास्तव व भोपा थाना सीओ राम आशीष यादव के द्वारा आश्रम में जाकर प्रकरण की जांच पड़ताल के सम्बन्ध में जानकारियां जुटाई गई।

"
""
""
""
""
"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *