लखनऊ। अवैध खनन कर रही जेसीबी छापा पड़ने के बाद लाइट बंद करके भागी तो एक किसान को रौंदती चली गई। दुखद घटना थी लेकिन सबसे दुखद पहलू यह होता है जब किसी घटना के बाद उसके जिम्मेदार उसकी लीपापोती करने में लग जाते हैं। इस घटना में भी जिम्मेदार साहब कहने लगे कि खनन नहीं हो रहा था।

उनका तर्क भी था कि चूंकि बारिश हो रही है इसलिए खनन नहीं हो सकता है। उनको गड्ढों में पानी तो दिख गया लेकिन गड्ढे बनने की वजह नहीं दिखी। दिन-रात जमीन खोखली करते डंपर और जेसीबी का शोर जिन सिक्कों की खनक के आगे दब गया है, हो सकता है परिवार के क्रंदन से टूटे लेकिन इसकी उम्मीद कम ही है। यह हादसा भी जल्द ही फाइलों में होगा और जमीन फिर से खोखली होनी शुरू होगी, क्योंकि गड्ढों का पानी सूख जाएगा और आपकी आंखों का तो पहले ही मर चुका है।

लड्डू का फायदा कब मिलेगा : एक व्यापारी नेता इसलिए मशहूर हैं कि उनके पास सारे नेताओं के जन्मदिन की डायरी रखते हैं। सभी दलों से चक्कर लगाते हुए मौजूदा सरकार के बड़े लीडरों के जन्मदिन पर लड्डू बांटते नजर आते हैं। हाल ही में इन्होंने एक बड़ी मार्केट में जन्मदिन के लड्डू बंटवाए, लेकिन नेताजी हैरान दिखाई पड़े कि लेने वालों से ज्यादा लंबी लाइन बांटने वालों की थी।

लड्डू लेने वाले स्माइल करते हुए नेताजी के साथ फोटो खिंचवा रहे थे और वीडियो भी बन रहा था। देने वालों की लंबी लाइन देखकर वहां मौजूद कुछ दुकानदारों ने कहा कि इस पार्टी में नेताजी को मिलना तो कुछ है नहीं, सिर्फ लड्डू बांटकर फोटो ही वायरल कर सकते हैं, सो कर रहे हैं। दरअसल, इस पार्टी के दफ्तर में पहले से ही लेने वालों की लंबी लिस्ट पड़ी हुई है। नेताजी भी यह सब अनसुना करके अब डायरी के अगले पन्ने पर निगाह जमाए हैं।

कोई शिकायत करेगा ही क्यों : सरकार ने अवैध स्टैंड बंद करने का फरमान जारी किया तो कागजी सख्ती दिखाई गई, लेकिन सच्चाई यह है कि हर तरफ संचालन स्टैंड से ही हो रहा है, बस तरीका बदल गया। अब नगर निगम ने नया फरमान जारी किया है कि उसी तरफ से चिह्नित 91 टेंपो स्टैंडों पर अब कोई वसूली नहीं कर पाएगा। नगर निगम टेंपो स्टैंडों का संचालन करने के लिए टेंडर निकालेगा। टेंपो और आटो चालकों को शिकायत करने के लिए नंबर भी जारी कर दिए गए।

वैसे यह कोशिश कितनी रंग लाती है यह देखने वाली बात होगी क्योंकि टेंपो और आटो संचालन का अवैध धंधा कई करोड़ का है। टोकन लगाकर कमाई कर रहे ठेकेदार का दावा है कि स्थानीय साहबों का हिस्सा निकालकर जो मिलता है, उससे रोजी-रोटी चल जाती है। इस तथाकथित रूखी रोटी के लिए इतनी मगजमारी हो रही है कि लगता नहीं कि कोई टेंपो चालक शिकायत करेगा।

चहेते पर कार्रवाई करनी ही पड़ी : लंबे समय तक शहर के बीच काम करने के बाद सीमावर्ती इलाके में पहुंचे साहब को जल्दी ही बैक टू पवेलियन होना पड़ा। वह अभी ठीक से पैर जमा ही नहीं पाए थे कि अवैध खनन से कुर्सी धंस गई। नए नवेले बास ने मनचाही तैनाती दी थी, लेकिन साहब कुछ ज्यादा ही जल्दी में दिखे। वहां अवैध प्लाटिंग, अवैध खनन और पेड़ों की कटान की शिकायतें बढ़ने लगी थीं।

शिकायतें तो मिल रही थीं और बास की दयादृष्टि के कारण मामला दबा हुआ था, लेकिन खनन में जुटी जेसीबी से एक मौत के बाद मामला बढ़ गया। लोगों का आक्रोश बढ़ने से फजीहत होने लगी। स्थानीय माननीय ने भी विरोध में मोर्चा खोल दिया और कार्रवाई पर अड़ गए। इसके बाद मनमारकर बास को भी कार्रवाई करनी पड़ी। ज्यादा जल्दी भारी पड़ी और तत्काल साहब को रवानगी का परवाना थमा दिया गया और वह वैक टू पवेलियन हो चुके हैं।

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