देहरादून/अनुज त्यागी
चमोली।विश्व प्रसिद्ध और उत्तराखंड के पांचवें धाम हेमकुंड साहिब के कपाट 11 अक्टूबर को पूरे विधि विधान के साथ पांच प्यारों की अगुवाई में शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं. कपाट दोपहर डेढ़ बजे शुभ मुहूर्त में बंद किए गए. इस पावन अवसर 3000 के लगभग श्रद्धालु अंतिम अरदास में शामिल हुए पहली बार नानका साहिब पाकिस्तान से आए 29 श्रद्धालु भी कपट बंदी के साक्षी बनी इस बार 20 मई को धाम के कपाट खोले गए थे,
लगभग पौने 2 लाख से अधिक लोगों ने इस वर्ष किए धाम के दर्शन, 2 दिन पहले ही पाकिस्तान से आया था साथ दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का समूह,
इस दौरान श्रद्धालुओं ने “जो बोले सो निहाल” के जयकारे लगाए.
उसके साथ ही हिंदुओं के पवित्र तीर्थ स्थल लोकपाल मंदिर के कपाट भी पूरी विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं,मान्यता है कि इस स्थान पर श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण ने पूर्व जन्म में शेषनाग के रूप में तपस्या की थी। इस मौके पर मंदिर के हक-हकूकधारी व भ्यूंडार घाटी के ग्रामीणों के साथ हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।
चमोली जनपद में ऊंची चोटियों पर हुई बर्फबारी के बाद सुबह से चटक धूप खिली हुई है. हेमकुंड साहिब के साथ ही बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में भी मौसम सुहावना हो गया है. वहीं, ठंड भी बढऩे लगी है. बदरीनाथ धाम में प्रतिदिन 10 हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. 24 अक्तूबर को विजयादशमी के दिन बदरीनाथ के कपाट बंद होने की तिथि तय होगी।।
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