नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में तृणमूल विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भट्टाचार्य की ईडी द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है।

CBI ने किया था मानिक को तलब

बता दें कि प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले में सीबीआइ (CBI)ने मानिक को तलब किया था, इसके बाद उन्होंने पहले कलकत्ता हाई कोर्ट में अपली की थी और वहां से राहत नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने भट्टाचार्य की याचिका पर सुनवाई के बाद 30 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए सीबीआइ की गिरफ्तारी से सुरक्षा बढ़ाने की मांग को भी स्वीकार कर लिया था और अगले आदेश तक अंतरिम सुरक्षा प्रदान करते हुए जांच में सहयोग करने को कहा था।

रात भर हुई थी मानिक से पूछताछ

हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया था कि मामले में सीबीआइ जांच पर कोई रोक नहीं है। बता दें कि 10 अक्टूबर को मानिक भट्टाचार्य को ईडी ने सीजीओ परिसर में रात भर की पूछताछ के बाद भर्ती घोटाले की जांच में असहयोग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।

दूसरी ओर, विधायक को ईडी बीमारी के चलते ईएसआइ अस्पताल जोका ले गए थे। रविवार को उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए जोका भी ले जाया गया था। इसके बाद सोमवार को भी भट्टाचार्य का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। हालांकि ईडी सूत्रों के मुताबिक मानिक भट्टाचार्य को कोई गंभीर बीमारी नहीं है।

चार एनजीओ चलाता था मानिक का करीबी तापस मंडल

इसके अलावा मानिक भट्टाचार्य के करीबी तापस मंडल (Tapas Mandal) को आगामी 20 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। वह चार एनजीओ चलाता था जिसके बैनर तले छह निजी टीचर्स ट्रेनिंग कालेज भी संचालित हो रहे थे। इन तमाम संस्थानों की गतिविधियां क्या कुछ रही हैं, इसकी जांच में भी ईडी की टीम जुट गई है।

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