केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) ने खूंखार अपराधियों में से ‘रिपर’ जयनंदन की पत्नी और उसकी वकील बेटी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आरोपी को बेटी की शादी में शामिल होने की अनुमति दे दी है. जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस (Bechu Kurian Thoma) ने इंदिरा की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया गया जिसकी वकील उनकी बेटी कीर्ति जयनंदन थीं. हालांकि याचिकाकर्ता ने 15 दिनों के पैरोल की मांग की थी. अदालत ने इसे खारिज कर दिया लेकिन एक दयालु ष्टिकोण अपनाया जब वकील ने कहा कि वो एक वकील के रूप में नहीं बल्कि एक बेटी के रूप में अपनी शादी के लिए अपने पिता की उपस्थिति की मांग कर रही हैं.
न्यायाधीश ने इतने वक्त के लिए दी इजाजत
मौलिक अधिकारों और पिछले फैसलों के बिंदुओं पर जाते हुए न्यायाधीश ने कहा, भले ही जयनंदन का पिछला रिकॉर्ड अच्छा नहीं है. वो कई बार जेल से भागता रहा है लेकिन मूल अधिकारों को ध्यान में रखते हुए वो अपनी बेटी की शादी में शामिल हो सकता है. अदालत ने कहा, दोषी 21 मार्च को त्रिशूर में अपने घर जा सकता है और वहां सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक रह सकता है जिसके बाद उसे जेल वापस आना होगा. फिर त्रिशूर में शादी के दिन 22 मार्च को वह वहां सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक मौजूद रह सकते हैं जिसके बाद वह वापस जेल लौट आएंगे.
सादा कपड़ों में रहें आरोपी के साथ सुरक्षाकर्मी
अदालत ने ये भी फैसला सुनाया कि साथ जाने वाले पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को सादे कपड़ों में होना चाहिए. इसने याचिकाकर्ता और उसकी बेटी को त्रिशूर सत्र न्यायालय के समक्ष एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा कि वह निर्देशानुसार जेल में उसकी वापसी सुनिश्चित करने का वचन देते हैं. जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज केटी थॉमस के बेटे हैं.
हत्या के मामले में सुनाई गई थी मौत की सजा लेकिन…
हत्या के सात मामलों में आरोपी 56 वर्षीय ‘रिपर’ जयनंदन को एक मामले में बिना पैरोल के आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी जबकि एक अन्य हत्या के मामले में उसे मौत की सजा दी गई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अपील पर इसे उम्रकैद में बदल दिया. जून 2013 में वो एक बार त्रिवेंद्रम सेंट्रल जेल से भाग गया था लेकिन सितंबर 2013 में पकड़ा गया और इससे पहले भी वह कन्नूर जेल से भागकर पकड़ा गया था.
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