लखनऊ। डेंगू के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डेंगू पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी फील्ड में जाएं। वह मौके पर जाकर बचाव के लिए की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा करें और जहां सुधार की जरूरत है, वहां तत्काल सुधार किया जाए। मिशन मोड पर डाक्टरों व दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ाई जाएं सर्विलांस की गतिविधियां

पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर आयोजित इस बैठक में उन्होंने कहा कि डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में सर्विलांस की गतिविधियां बढ़ाई जाएं। जिस क्षेत्र में ज्यादा डेंगू के मरीज मिल रहे हैं, वहां आसपास के लोगों की जांच कराई जाए और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। सभी नगर निगम व स्थानीय निकाय एंटी लार्वा के छिड़काव और फागिंग की विशेष व्यवस्था करें।

अस्पतालों में डेंगू मरीजों के ल‍िए हों पर्याप्त बेड

मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए समय-समय पर एंटी लार्वा का छिड़काव व फागिंग की जाए। अधिकारी इसकी बेहतर ढंग से निगरानी करें और हर हाल में यह व्यवस्था सुनिश्चित करें। अगर लापरवाही मिली तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। अस्पतालों में डेंगू मरीजों की भर्ती के लिए पर्याप्त बेड की व्यवस्था की जाए। अस्पताल आने वाले डेंगू रोगी को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। जरूरत के अनुसार बेड की संख्या भी बढ़ाई जाए।

अस्पतालों में पूरी की जाए डाक्टर व कर्मियों की कमी

डाक्टरों व पैरामेडिकल कर्मियों की टीम इन मरीजों की अच्छे ढंग से निगरानी करें। ऐसे अस्पताल जहां डाक्टर व कर्मियों की कमी है, उसे तत्काल पूरा किया जाए। जरूरत के अनुसार तत्काल संविदा पर डाक्टर व कर्मी नियुक्त किए जाएं। अस्पतालों में डेंगू मरीजों की जांच की पर्याप्त व्यवस्था हो। बुखार वाले मरीजों की कार्ड जांच और फिर एलाइजा टेस्ट किया जाए।

प्रदेश में डेंगू के करीब साढ़े सात हजार से अधिक मामले आए

मालूम हो कि प्रदेश में जनवरी 2022 से लेकर अब तक डेंगू के करीब साढ़े सात हजार से अधिक रोगी सामने आ चुके हैं। ऐसे में बचाव के लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। योगी ने इससे पहले 26 अकटूबर 2022 को डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश दिए थे। उन्होंने अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाने को कहा था।

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