बाल दिवस पर हम बच्चे- बच्चे चिल्लाते हैं और उन्हें अक्सर उपेक्षित कर जाते हैं-अनुपमा अनुश्री

प्रख्यात साहित्यिक संस्था आरंभ चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा नौका पर सवार होकर अभिनव तरीके से बाल दिवस मनाया गया, जिसमें बाल साहित्यकारों नें बच्चों को प्रेरित करती हुई बाल कविताओं का पाठ किया ।
इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बाल साहित्यकार श्यामा गुप्ता, विशिष्ट अतिथि सुधा दुबे थीं ।अध्यक्षता आरंभ फाउंडेशन की संस्थापक अनुपमा अनुश्री ने की ।
इस अवसर पर श्यामा गुप्ता ने अपनी कविता पढ़ी –
चंदा मामा प्यारे-प्यारे ।
सुधा दुबे ने अपनी बाल कविता बाल सुलभ अंदाज में प्रस्तुत किया
आओ सब मिल खेलें खेल,
छुक छुक करती चली रेल ।
शेफालिका श्रीवास्तव ने बाल कविता कुछ इस तरह पेश किया –
चलो अंतरिक्ष में घूम आएं,
पूछेंगे चंदा मामा से, कहां छुपा रखा मामी को ।
ऊषा सोनी ने पढ़ा –
अजब बीमारी इस जंगल की,
जाने कहांँ से आई ।
हरे भरे पेड़ो पर जैसे जान न बाकी पाई ।
कार्यक्रम का संचालन कर रही बिन्दु त्रिपाठी ने पढ़ा –
भालू दादा भालू दादा, आज करो तुम मुझसे वादा ।
अपनी पीठ पर मुझे बिठा कर करवाओगे जंगल की सैर ।
विजया रायकवार जी ने भी सुन्दर बाल कविता से श्रोताओं का मन मोह लिया ।
रेखा भटनागर ने भी सुन्दर बालकविता सुनाई ।
कार्यक्रम की अध्यक्ष अनुपमा अनुश्री ने सुनाया – आज के पालक ज़बरदस्त,
दोगलापन दिखाते हैं ,
ख़ुद बिगड़े हैं बच्चों को,
सुधारना चाहते हैं,
अपनी कमियों का सारा दोष
इन मासूमों पर मढ़ जाते हैं।
हर बाल दिवस पर बच्चे – बच्चे चिल्लाते हैं
लेकिन अक्सर उन्हें उपेक्षित कर जाते हैं ।

आरंभ फाउंडेशन द्वारा बच्चों को हिंदी लेखन पठन पाठन हेतु प्रोत्साहित करने की गतिविधियों के क्रम में एक प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसका विषय था “मेरी अभिरुचि” । सभी बच्चों ने आलेख प्रेषित किए। निम्न प्रतिभागी विजेता रहे-

आरोही व्यास , इंदौर -प्रथम
पूर्णिमा कबड़बाल, उत्तराखंड- द्वितीय
पाखी जैन , उदयपुर – तृतीय

कार्यक्रम का सफल संचालन बिन्दु त्रिपाठी ने किया और आभार प्रदर्शन उषा सोनी ने किया ।
इस गरिमामय कार्यक्रम की उपस्थित जनों द्वारा बहुत सराहना की गई ।

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