आयुर्वेद में कौमारभृत्य विभाग के प्रसिद्ध ग्रन्थ काश्यपसंहिता के रचयिता काश्यप ऋषि की जयंती एवं अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के 116 वें स्थापना दिवस के अवसर पर यमुनापुरम में जीटी रोड स्थित समता आयुर्वेद केंद्र पर आयोजित तीन दिवसीय निशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा शिविर के पहले दिन बुधवार को निशुल्क स्वर्ण प्राशन संस्कार शिविर का आयोजन किया गया।

जन्म से लेकर 16 वर्ष तक की आयु के बच्चों को रोग से बचाने के लिए यह शिविर आयोजित किया गया । सुवर्णप्राशन के लिए बच्चे सुबह से ही जुटने लगे थे । बच्चों के अभिभावकों में स्वर्णप्राशन के प्रति अपार उत्साह देखा गया ।अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के केन्द्रीय संगठन मंत्री तथा पंचकर्म एवं क्षारसूत्र चिकित्सा विशेषज्ञ वैद्य हितेश कौशिक ने बताया कि शिविर में 50 बच्चों को निशुल्क स्वर्ण प्राशन संस्कार कराया गया । इनमें अधिकतर बच्चे 8 वर्ष की कम उम्र के थे ।उन्होंने बताया कि आजकल बच्चों में स्कूल व घर दोनों ही तरफ से पढ़ाई का बहुत अधिक दबाव बना हुआ है समाज में प्रतिस्पर्धा की भावना बहुत अधिक बलवान है जिसके कारण बच्चे बहुत अधिक तनाव में रहने लगे हैं । स्वर्णप्राशन इस तनाव को दूर करता है ।

इससे शारीरिक एवं मानसिक बल दोनों ही बढ़ते हैं ,बच्चों में पाचन शक्ति बढ़ती है, बच्चों की रोग से लड़ने की क्षमता में बहुत अधिक विकास होता है, मानसिक रोग दूर रहते हैं ,बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य बहुत अच्छा हो जाता है ,बच्चों में वाक् चातुर्य बढ़ता है, बच्चों में बार-बार होने वाले इन्फेक्शन नहीं होते हैं ,बच्चों का वर्ण अच्छा होता है , कांति अच्छी होती है। आगामी सुवर्णप्राशन संस्कार शिविर 20 जून,18 जुलाई,14 अगस्त,10 सितंबर,7 अक्टूबर,4 नवम्बर व 1 दिसम्बर को होगा । शिविर में25 व 26 मई को पाइल्स, भगन्दर ,फिशर,उदर रोग, माइग्रेन, सियाटिका,जोड़ रोग, डायबिटीज आदि शरीर के समस्त रोगों की चिकित्सा की जायेगी ।शिविर का स

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