लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चा चोरी की अफवाह (Child Theft Rumor) फैलाकर उन्मादी हिंसा की बढ़ती घटनाओं को गंभीरता से लिया है। माहौल बिगाड़ने वाले ऐसे अराजक तत्वों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई होगी। सभी जिलों के जिलों के पुलिस अधिकारियों को इस संबंध ने निर्देश दे दिए गए हैं।

डीजीपी डीएस चौहान ने ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। सभी जिलों में बच्चा चोरी की किसी भी सूचना पर राजपत्रित अधिकारियों को मौके पर जाकर जांच करने का निर्देश दिया है। साथ ही इंटरनेट मीडिया पर इसे लेकर भ्रामक संदेश वायरल करने वालों पर भी कठोर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। लोगों को अफवाह से बचने के लिए जागरूक करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि बच्चा चोरी की अफवाह फैलाकर कहीं हिंसा करने तथा माहौल बिगाड़ने वाले अराजक तत्वों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी। जिलों के पुलिस अधिकारियों को ऐसी किसी घटना पर आरोपितों को चिन्हित कर जिलाधिकारी से समन्वय बनाकर रासुका के तहत कार्रवाई कराने को कहा गया है।

प्रशांत कुमार ने बताया कि निर्देश दिए गए हैं कि बच्चा चोरी की किसी भी घटना की सूचना पर पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई की जाए। लखनऊ, कौशांबी, सीतापुर व बिजनौर में बच्चा चोरी के संदेह में हुई हिंसा की घटनाओं को देखते हुए विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। यह भी कहा गया है कि यदि कहीं बच्चे को अगवा किए जाने अथवा लापता होने की सूचना सही है तो तत्काल एफआइआर दर्ज कर बच्चे की बरामदगी के लिए पूरी तत्परता बरती जाए।

ग्रामीण इलाकों में इस तरह की अफवाहें ज्यादा फैल रही हैं। लिहाजा वहां ग्राम प्रहरियों व खुफिया तंत्र की मदद से अतिरिक्त सतर्कता बरतने के साथ ही ग्रामीणों को जागरूक भी किया जाए। इसके अलावा बीते पांच वर्षों के दौरान उन्मादी भीड़ द्वारा हिंसा किए जाने तथा बच्चा चोरी की अफवाह फैलाकर हिंसा किए जाने के मामलों का ब्योरा जुटाने के साथ ही ऐसी घटना वाले स्थानों पर पुलिस पिकेट तैनात किए जाने का निर्देश दिया गया।

ऐसे चिन्हित स्थानों वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में चेकिंग कराए जाने का निर्देश भी दिया गया है। ऐसी घटनाओं की सूचना पर यूपी 112 को भी पूरी तत्परता बरतते हुए तत्काल मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करने के साथ ही गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। एडीजी का कहना है कि सुनसान क्षेत्र में कहीं किसी मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति के मिलने पर उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए जाने का निर्देश भी दिया गया है।

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