नई दिल्ली। असम के विभिन्न जिलों में भारतीय-उप महाद्वीप में अल-कायदा (AQIS) द्वारा संचालित किए जा रहे एक गहरे नेटवर्क के इनपुट के साथ गृह मंत्रालय (MHA) ने इसके माड्यूल का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से संपर्क किया है। एनआइए की प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि AQIS का माड्यूल ‘असम के विभिन्न जिलों में सक्रिय’ है, जिसका बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) के साथ संबंध है।

अफगानिस्तान और बर्मा में भी सक्रिय है AQIS

2014 में स्थापित प्रतिबंधित आतंकी संगठन अल-कायदा की एक शाखा AQIS कथित तौर पर अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, बर्मा और बांग्लादेश में सक्रिय है। समूह इस्लामिक राज्य स्थापित करने के लिए जिहाद छेड़ना चाहता है।

क्या है प्राथमिकी में?

प्राथमिकी के अनुसार, माड्यूल का उद्देश्य ‘भारतीय क्षेत्र में आतंक का प्रचार करना, समान विचारधारा वाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाना और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए भर्ती करना है, ताकि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को ‘नियम’ स्थापित करके उखाड़ फेंका जा सके और भारत में गजवा-ए-हिंद’ को लागू किया जा सके।

क्या है गजवा-ए-हिंद?

‘गजवा-ए-हिंद’ एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल आतंकी संगठन भारत के खिलाफ धार्मिक युद्ध के रूप में अपने दुस्साहसिक आतंकी हमलों को सही ठहराने के लिए करते हैं। यह कदम भारतीय अधिकारियों द्वारा असम में कथित रूप से ‘जिहादी’ गतिविधियों को अंजाम देने के लिए दो मदरसों को नष्ट करने के बाद आया है।

दो मदरसों को किया गया नष्ट

बारपेटा जिले में एक मदरसा 29 अगस्त को नष्ट कर दिया गया था, क्योंकि इसे एक्यूआइएस द्वारा प्रशिक्षण केंद्र के रूप में इस्तेमाल करने का दावा किया गया था। वहीं, बोंगाईगांव जिले में दूसरे मदरसे को 31 अगस्त को ध्वस्त कर दिया गया था। एक सप्ताह पहले बोंगाईगांव मदरसे के एक शिक्षक को एक्यूआइएस से संबंध होने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था।

गोलपारा में भी सक्रिय है AQIS

भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा का एक माड्यूल असम के विभिन्न जिलों के साथ-साथ गोलपारा में भी सक्रिय होने की जानकारी मिली है। एनआइए ने 20 अगस्त को असम के गोलपारा जिले के मटिया पुलिस स्टेशन में मूल रूप से दर्ज एक मामले के आधार पर जांच शुरू की।

इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला

एनआइए ने इस साल 26 सितंबर को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के 120बी, 121 और 121 ए और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 18, 18बी, 19 और 20 के आरोपों के तहत मामला फिर से दर्ज किया। आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने मामला दर्ज कर गृह मंत्रालय (एमएचए) में काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन (सीटीसीआर) से 23 सितंबर को प्राप्त एक आदेश के बाद मामले की जांच शुरू की।

ये लोग अवैध गतिविधियों में थे लिप्त

पता चला कि गोपालपुर तिलपारा गांव निवासी 49 वर्षीय जलालुद्दीन शेख, गोलपारा जिले के राख्यासिनी गांव निवासी 43 वर्षीय अब्दुस सुभान और अन्य लोग विभिन्न लोगों के मन को बहला-फुसलाकर भारत संघ के खिलाफ युद्ध छेड़ने की प्रतिबंधित गतिविधियों में शामिल थे।

क्या है संगठन का उद्देश्य?

निरंतर पूछताछ पर दोनों ने कहा कि संगठन का उद्देश्य भारतीय क्षेत्र में आतंक का प्रचार करना, युवाओं को कट्टरपंथी बनाना, भारत में शरिया कानून स्थापित करने के साथ-साथ बांग्लादेश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और भारत में गजवा ए हिंद को लागू करने के लिए एक नियमित भर्ती प्रक्रिया को अंजाम देना था।

NIA को मामले की जांच करने का निर्देश

राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 की धारा 8 के साथ धारा 6 की उप-धारा (5) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार ने एनआइए को अपराध की गंभीरता और अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव को देखते हुए मामले की जांच करने का निर्देश दिया।

"
""
""
""
""
"

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *