सहारनपुर लोकसभा सीट पर समीकरण तय करते हैं हार जीत का अंतर

कई दिग्गज लगे लाइन में, 2014 में राघव लखनपाल शर्मा बने थे बीजेपी से सांसद

प्रशांत त्यागी, देवबंद।

सहारनपुर लोकसभा क्षेत्र की सीट पर भाजपा का प्रत्याशी कौन होगा यह एक बड़ा पहलू है, क्योंकि यहां वोट बैंक से ज्यादा हार जीत के लिए राजनीतिक समीकरण बड़ा उलट फेर करते हैं। भाजपा के कई दिग्गज यहां से टिकट की लाइन में लगे हैं लेकिन पार्टी प्रत्याशी के नाम पर आखिरी मुहर केंद्रीय नेतृत्व ही लगाएगा।

सहारनपुर लोकसभा क्षेत्र की सीट पर लगभग 17 लाख 51 हजार मतदाता आते हैं। यहां पर जहां 40 फ़ीसदी मुस्लिम मतदाता है तो वही 18 से 20% दलित मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका हार जीत के लिए मानी जाती है। लेकिन इस सीट पर हार जीत का खेल सियासी समीकरण तय करते हैं। 2014 में भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़े सहारनपुर के तत्कालीन विधायक राघव लखनपाल शर्मा ने यहां कांग्रेस के प्रत्याशी इमरान मसूद को हराते हुए इस सीट पर कब्जा किया था। उसे समय सियासी समीकरण कुछ अलग थे जहां बसपा अपने बलबूते चुनाव लड़ी थी तो वहीं सपा भी अकेले ही चुनाव लड़ रही थी जिसका सीधा लाभ भाजपा को मिला था दलित और मुस्लिम मतदाताओं में विभाजन होने के चलते यहां पर भाजपा जीत में कामयाब रही थी। 2019 में केंद्र में कांग्रेस सपा और बसपा के बीच गठबंधन हुआ जिसके चलते यहां का सियासी समीकरण भी बदलता नजर आया और दलित मुस्लिम मतदाता एक पल में जाने के चलते यहां पर बसपा के फजलुर रहमान सांसद बने। हालांकि 2014 की अपेक्षा इस बार पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा को पहले से ज्यादा वोट मिले थे। जिसके आधार पर ही वर्तमान में वह सहारनपुर से मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे हैं। चर्चा तो यह भी है कि ब्राह्मण चहेरा होने के चलते राघव लखन पाल शर्मा इस सीट पर चुनाव लड़ सकते हैं। इतना ही नहीं राजनीतिक परिवार से पृष्ठभूमि होने के चलते राघव लखनपाल शर्मा हमेशा साफ स्वच्छ छवि के नेता माने जाते रहे हैं। जिसके चलते ही सियासी गलियारों में राघव लखनपाल शर्मा को तीसरी बार सहारनपुर से सांसद के लिए भाजपा से मुख्य दावेदार माना जा रहा है। वैसे तो भाजपा में टिकट की लाइन में राज्य मंत्री कुंवर बृजेश सिंह, राज्य मंत्री जसवंत सैनी पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, समेत कई दिग्गज लगे हुए हैं। यहां तक की कई बाहरी नेता भी हैं जो सहारनपुर से भाजपा के सिंबल पर लड़ने के इच्छुक हैं । क्योंकि जिस प्रकार से रालोद का भाजपा से गठबंधन होने की चर्चाएं तेजी से चल रही हैं, साथ ही बसपा भी इस बार अलग से चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस और सपा गठबंधन के पास पश्चिम उत्तर प्रदेश में मुस्लिम मतदाताओं के अलावा कुछ पाने को नहीं है। जिसके परिणाम स्वरुप ही सहारनपुर सीट इस बार भाजपा के मन माफिक लग रही है। इसी के चलते यहां से टिकट पाने वाले नेताओं की लंबी फौज लग गई है। लेकिन यहां भविष्य के गर्त में है कि सहारनपुर से भाजपा के सिंबल पर कौन लड़ता है और किसके भाग्य का पिटारा इस बार खुलने जा रहा है।

25 मार्च के बाद भाजपा जारी कर सकती है प्रत्याशियों की सूची

बात करें विपक्ष की तो सहारनपुर में कांग्रेस से पूर्व विधायक इमरान मसूद का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है तो वहीं बसपा भी माजिद अली को सहारनपुर का लोकसभा प्रभारी बनाकर अपने पत्ते खोल चुकी है। दूसरी और भाजपा अभी अंदरुनी रूप से चुनावी तैयारी जरूर कर रही है। लेकिन सूत्रों की माने तो भाजपा 25 मार्च यानी होली के पर्व के बाद ही इस सीट पर प्रत्याशी घोषित करेगी।

जातीय समीकरण

सहारनपुर लोकसभा सीट की बात करें तो यहां पर लगभग 6 लाख मुस्लिम मतदाता है, 3 लाग एससी, डेढ़ लाख गुर्जर, साढ़े तीन लाख स्वर्ण मतदाता आते हैं। जिसके चलते भाजपा इस बार मुस्लिम मतदाताओं में भी सेंध लगाने की तैयारी में जुटे हैं।

प्रशांत त्यागी

"
""
""
""
""
"

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *