दीपिका चिखलिया जी की प्रेम कहानी भी बड़ी रोचक है। उन दिनों दीपिका फिल्म इंडस्ट्री में नई-नई ही आई थी। वो अपनी पहली फिल्म सुन मेरी लैला में काम कर रही थी। उस वक्त तक दीपिका जी को ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि कभी रामायण नाम से कोई सीरियल बनेगा और ये उसमें सीता का रोल निभाकर ये आमजन के लिए सीता ही बन जाएंगी। दीपिका को उस फिल्म में एक काजल ब्रांड का विज्ञापन करना था। वो विज्ञापन कुछ इस तरह था कि वो फिल्म का दृश्य लगे।

जिस दिन उस विज्ञापन की शूटिंग होनी थी उस दिन काजल बनाने वाली उस कंपनी के मालिक का बेटा भी वहां शूटिंग देखने आया। उसका नाम था हेमंत टोपीवाला। हेमंत टोपीवाला का परिवार साल 1961 से कॉम्सैटिक्स के बिजनेस में था और अपने बिजनेस को और बढ़ाने का विचार कर रहा था। उस दिन पहली दफा दीपिका चिखलिया की मुलाकात हेमंत टोपीवाला से हुई। पहले दिन तो इनके बीच सिर्फ हाय-हैलो और करियर को लेकर कुछ बातें हुई। और दूसरे दिन जब हेमंत फिर से सेट पर आए तो दीपिका से उनकी थोड़ी बातचीत भी हुई।

हेमंत ने तब अपने खानदानी बिजनेस को को समझना शुरू ही किया था। उन्होंने अपने पिता के ऑफिस जाना तब स्टार्ट ही किया था। साथ ही साथ उनकी पढ़ाई भी चल रही थी। फिल्म की शूटिंग कंप्लीट होने के बाद इन दोनों की कोई मुलाकात नहीं हुई। लेकिन लगभग एक साल बाद हेमंत टोपीवाला ने दीपिका चिखलिया को उनके घर के पास स्थित एक ब्यूटी पार्लर में आते देखा। उन्होंने दीपिका से मुलाका की। और दीपिका को बताया कि वो पूरे एक साल से उनसे मिलने के बारे में सोच रहे थे।

उस मुलाकात के बाद अगले कुछ सालों तक दीपिका चिखलिया और हेमंत टोपीवाला की मुलाकात नहीं हुई। फिर साल 1991 में एक फैमिली फ्रेंड के ज़रिए एक दफा फिर से दीपिका चिखलिया और हेमंत टोपीवाला एक-दूजे से मिले। दोनों के बीच दो घंटे तक बातचीत हुई। उस बातजीत में हेमंत जी ने दीपिका जी को अपनी भावनाओं के बारे में बताया। दीपिका जी भी शुरू से ही कहीं ना कहीं हेमंत जी को पसंद करती ही थी। तो उन्होंने भी फैसला किया कि वो हेमंत टोपीवाला को अपना जीवनसाथी बनाएंगी।

ये 28 अप्रैल 1991 की बात है। अगले दिन दीपिका चिखलिया का जन्मदिन था। अपने जन्मदिन के दिन दीपिका चिखलिया ने अपने माता-पिता को बता दिया कि वो अपने लिए जीवनसाथी की तलाश कर चुकी हैं। दूसरी तरफ हेमंत टोपीवाला ने भी अपने घरवालों को खबर दे दी थी कि वो रामायण की सीता को उनकी बहू बनाना चाहते हैं। भला उस ज़माने में कौन दीपिका चिखलिया को अपने घर की बहू बनाने से इन्कार कर सकता था।

सो हेमंत टोपीवाला के घरवाले खुशी-खुशी दीपिका को अपनी बहू बनाने को तैयार हो गए। दूसरी तरफ दीपिका जी के घरवालों को भी उनकी पसंद से कोई ऐतराज़ ना था। इसलिए उसी दिन दोनों के घरवाले मिले और इनकी एक छोटी सी रोका सेरेमनी हो गई। फिर उसी साल 22 नवंबर को धूमधाम से दीपिका चिखलिया और हेमंत टोपीवाला जी की शादी हो गई। इनकी शादी में फिल्म इंडस्ट्री की कई हस्तियों ने शिरकत की थी। सुपरस्टार राजेश खन्ना भी इनकी शादी में पहुंचे थे।

दीपिका जी की शादी को अब 33 साल का वक्त हो चुका है। इनकी दो बेटियां हैं। निधि और जूही। दीपिका जी राजनीति में भी अपनी किस्मत आजमा चुकी हैं और साल 1991 में वो गुजरात के वडोदरा से भाजपा सांसद भी रह चुकी हैं। राजनीति में दीपिका जी को लाने का श्रेय रामायण के रावण का किरदार निभाने वाले एक्टर अरविंद त्रिवेदी जी को दिया जाना चाहिए। उन्होंने दीपिका जी को भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से मिलाया था।

दीपिका चिखलिया की शादी में राजेश खन्ना मेहमान बनकर पहुंचे थे और वो भी बिना बुलाए मेहमान. बात तब की है, जब राजेश खन्ना को बॉलीवुड का सुपरस्टार कहा जाता था. ऐसे में जब सुपरस्टार इस शादी में पहुंचे तो उन्हें देखकर लोग काफी हैरान रह गए थे.

 

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