महापंचायत में अगर भीड़ जुटी तो बदलेंगे पश्चिमी यूपी के राजनीतिक समीकरण,पश्चिम उत्तर प्रदेश की ग्यारह लोकसभा सीटों को प्रभावित करता है त्यागी समाज का मतदाता
प्रशांत त्यागी, देवबंद।
देवबंद के देवीकुंड मैदान पर दो फरवरी को होने जा रही त्यागी समाज की महापंचायत समाज का राजनीतिक भविष्य भी तय करेगी। राजनीतिक दलों की निगाहें इस पंचायत पर टिक गई हैं, अगर पंचायत में भीड़ जुटती है तो पश्चिम उत्तर प्रदेश में राजनीतिक समीकरण बदलना भी तय माना जा रहा है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में जनसंघ के समय से भाजपा का सारथी कहे जाने वाला त्यागी समाज सहारनपुर के देवबंद में दो फरवरी को एक बड़ी महापंचायत करने जा रहा है, जिसमें सामाजिक मुद्दों के साथ-साथ कुरीतियों को समाप्त करने को लेकर विचार मंथन की बात कहीं जा रही है, लेकिन सियासी पंडितों की माने तो त्यागी समाज की यह महापंचायत प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा को अपनी ताकत दिखाने के लिए आयोजित की जा रही है। हालांकि महापंचायत के आयोजक इस बात से तो इंकार कर रहे हैं कि इस महापंचायत में ना तो किसी राजनीतिक दल को समर्थन होगा और ना ही किसी राजनीतिक दल का बहिष्कार होगा। समाज केवल अपनी ताकत दिखाकर राजनीतिक भविष्य की दशा दिशा तय करना चाहता है।
श्रीकांत त्यागी प्रकरण के बाद जिस प्रकार से त्यागी समाज बीजेपी के विरुद्ध मुखर हुआ और नोएडा में लाखों की भीड़ एकत्रित कर श्रीकांत त्यागी के परिवार के साथ हुए उत्पीड़न की कार्रवाई के विरोध में हंगामा किया उसके बाद से ही पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीति और सियासत समीकरण बदलते नजर आने लगे परिणाम स्वरूप मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट त्यागी समाज के विरोध के चलते भाजपा को गंवानी पड़ी, इसके बाद कई मुद्दों को लेकर त्यागी समाज और भाजपा के बीच आपसी खींचतान भी देखने को नजर आई। जहां त्यागी समाज के लोगों का आरोप है कि भाजपा द्वारा लंबे समय से उनका वोट तो लिया जा रहा है लेकिन समाज को राजनीतिक रूप से उनकी हिस्सेदारी नहीं मिल पा रही है जिसके चलते त्यागी समाज अपने आप को शोषित व वंचित महसूस कर रहा है। हालांकि भाजपा द्वारा मेरठ से अश्वनी त्यागी को एमएलसी बनाया गया है तो वहीं गाजियाबाद की मुरादनगर विधानसभा से भाजपा के सिंबल पर पूर्व मंत्री राजपाल त्यागी के पुत्र अजीत पाल त्यागी विधायक हैं लेकिन वर्तमान सरकार में ना तो कोई त्यागी राज्य मंत्री है और नहीं योगी सरकार में कोई कैबिनेट मंत्री जिसके चलते त्यागी समाज कहीं ना कहीं इस बात से खिन्न दिख रहा है।
पश्चिम उत्तर प्रदेश की 11 लोकसभा सीट पर निर्णायक भूमिका में त्यागी समाज के मतदाता
राजनीतिक लिहाज से आंकड़ों पर गौर करें तो उत्तर प्रदेश की सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, बागपत, गाजियाबाद, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, आगरा, नोएडा समेत पश्चिम उत्तर प्रदेश की ग्यारह लोकसभा सीटों पर त्यागी समाज निर्णायक मतदाता के रूप में भाजपा के लिए हमेशा से ही एक मजबूत कड़ी रहा है।
महापंचायत के लिए इसलिए चुना गया देवबंद?
दो फरवरी को महापंचायत के लिए स्थल देवबंद ही क्यों चुना गया इसके पीछे भी एक बड़ी कहानी है? क्योंकि यहां मुरादनगर विधानसभा सीट के बाद त्यागी समाज सबसे ज्यादा मतदाता वाली विधानसभा मानी जाती है।
गौर करें तो यहां त्यागी समाज की लगभग 35 से 40 हजार वोट है, जबकि पूरे जनपद में त्यागी समाज के मतदाता एक लाख से ऊपर है, जो परंपरागत रूप से भाजपा के पाले में ही दिखाई देत रहे हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में यहां से भाजपा के राज्यमंत्री बृजेश सिंह मात्र 7 हजार वोटो से विजयी हुए थे, अगर त्यागी समाज भाजपा के पाले से आधा भी खिसक जाए तो कहीं ना कहीं भाजपा के लिए या सीट बचना भी मुश्किल हो जाएगा, लेकिन इसके बाद जिस प्रकार से देवबंद विधानसभा क्षेत्र में त्यागी समाज के लोगों को राजनीतिक रूप से दरकिनार कर दिया गया यह भी समाज के गुस्से की एक प्रमुख वजह है।
वर्जन…..
दो फरवरी को देवबंद में आयोजित महापंचायत उत्तर प्रदेश और विभिन्न प्रदेशों से त्यागी समाज के लाखों लोग इकट्ठा होंगे, कार्यक्रम की पूरी तैयारी कर ली गई है।
मांगेराम त्यागी, राष्ट्रीय अध्यक्ष त्यागी भूमिहार ब्राह्मण महासभा।
प्रशांत त्यागी
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