देहरादून : पेपर लीक प्रकरण की जांच लखनऊ, धामपुर, कुमाऊं, उत्‍तरकाशी व टिहरी के बाद हरिद्वार पहुंच गई है। एसटीएफ ने एक कनिष्ठ सहायक को हरिद्वार से गिरफ्तार किया है।

आरोपितों से पूछताछ के आधार पर एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

आरोपित राजबीर निवासी लक्सर हरिद्वार क्षेत्र के कुछ अभ्यर्थियों को पेपर हल करवाने के लिए धामपुर ले गया था। पूर्व में गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ के आधार पर एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार किया है। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि राजबीर वर्तमान में कनिष्ठ सहायक राजकीय पॉलीटेक्निक हिंदोलखाल टिहरी गढ़वाल में नियुक्त है।

आरएमएस टेक्नोसलूशन प्राइवेट लिमिटेड ब्लैक लिस्टेड

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी आरएमएस टेक्नोसलूशन प्राइवेट लिमिटेड को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। कम्पनी के कर्मचारियों ने आयोग में लगी पेपर छापने की मशीन से ही पेपर चुराया और मोटी रकम लेकर बेच दिया। आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत ने कंपनी मालिक को नोटिस जारी कर सात दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट करने के आदेश जारी किए हैं।

अब तक 32 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है एसटीएफ

प्रकरण में एसटीएफ ने उत्तराखंड पुलिस के एक कांस्टेबल को गुरुवार को गिरफ्तार किया था। आरोपित का भाई कनिष्ठ सहायक (न्यायिक) के पद पर तैनात था और इसी प्रकरण में वर्तमान में जेल में है। इस प्रकरण में एसटीएफ अब तक 32 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।

लाखों रुपये लेकर पेपर लीक किया और नकल करवाई

गिरफ्तार आरोपितों दो पुलिस कर्मचारी, कनिष्ठ सहायक (न्यायिक), अपर निजी सचिव और शिक्षक शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपित वह हैं, जिन्होंने लाखों रुपये लेकर पेपर लीक किया और अभ्यर्थियों को नकल सेंटर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी।

आयोग के सचिव रहे संतोष बडोनी निलंबित

वहीं यूकेएसएसएससी भर्ती परीक्षा में घपले के मामले में आयोग के सचिव रहे संतोष बडोनी निलंबित कर दिया गया है। आयोग के सचिव पद पर प्रतिनियुक्ति समाप्त कर वापस सचिवालय भेजे गए बडोनी को सरकार ने गुरुवार की देर रात निलंबित कर दिया। सचिवालय प्रशासन प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन ने आदेश जारी किया।

इस पर सख्त रुख अपनाए हुए हैं मुख्यमंत्री धामी

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा कराई गई स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने का मामला सामने आने के बाद से ही मुख्यमंत्री धामी इस पर सख्त रुख अपनाए हुए हैं। उन्होंने शुरुआत में ही इसकी जांच एसआइटी से कराने का निर्णय लिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार कह रहे हैं कि इस प्रकरण में शामिल किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा, चाहे आरोपित कितना बड़ा व्यक्ति क्यों न हो।

वह यह भी कह चुके हैं कि जरूरत पडऩे पर जांच का दायरा भी बढ़ाया जा सकता है। इस प्रकरण की जांच सीबीआइ अथवा हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने पर भी चर्चा हुई है।

"
""
""
""
""
"

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *