जिलाधिकारी सविन बंसल की सख्ती के बाद शहर में बालश्रम को लेकर गुरुवार को व्यापक अभियान चलाया गया। इसमें अलग-अलग इलाकों से तीन बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करने के साथ ही बालश्रम करवाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। दून शहर में बालश्रम की शिकायतों को लेकर जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अपनाया है। गुरुवार को उन्होंने सहायक श्रम आयुक्त को टीम के साथ कार्रवाई के लिए उतारा। साथ ही बाल श्रम पाए जाने पर संबंधित प्रतिष्ठान की जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए। सहायक श्रम आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि टीम ने तीन बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया है। इनमें सहस्रधारा रोड पर हैलीपैड के पास एक बच्चा मीट की दुकान में काम करता मिला। दुकान मालिक के खिलाफ मुकदमा कराया जा रहा है। इसके अलावा टीम ने दो अन्य स्थानों से दो और बच्चों को मुक्त कराया है। सहायक श्रम आयुक्त दीपक कुमार के मुताबिक बालश्रम उन्मूलन जिला टॉस्कफोर्स की टीम सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर कार्रवाई कर रही है। यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। जिन बच्चों को रेस्क्यू किया गया है उनका मेडिकल जांच की गई और बाल कल्याण समिति को सौंपे गया है। टीम में सहायक श्रम आयुक्त दीपक कुमार के साथ राज्य समन्वयक बचपन बचाओ सुरेश उनियाल, अश्वनी कुमार, अमित थपलियाल, आईसा, समर्पण संस्था से मानसी मिश्रा, चाईल्ड हेल्पलाईन से सविता गोगिया, आसरा ट्रस्ट से जसबीर एवं लक्ष्मी, जिला बाल संरक्षण इकाई से प्रवीण चौहान टीम में शामिल रहे।



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