मुजफ्फरनगर
केंद्र सरकार ने जब कोरोना के वेक्सिनेशन के विषय मे जानकारी दी , उसके बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीडिया में अजीब बयान जारी किया , उनसे 2 कदम आगे जाते हुए उन्ही की पार्टी समाजवादी के एमएलसी ने बेहद अजीबोगरीब व शर्मनाक बयान जारी करके जैसे अपने नेता की बातों पर अमल करते हुए उन्हें आगे बढ़ाया ।
इसी कड़ी में राजनीतिक महारथी राष्ट्रीय लोकदल भी कहा पीछे रहने वाली थी , आज राष्ट्रीय लोकदल के उत्तर प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक गुर्जर ने वैक्सीन पर वहम दूर करने का उपाय सुझाया , इस क्रम में उन्होंने देश के सर्वोच्च नागरिक महामहिम राष्ट्रपति तक को नही बक्शा , उन्होंने बकायदा सोशल मीडिया पर एक होर्डिंग डालकर इसे पोस्ट किया , उनके उस तथाकथित होर्डिंग में सर्वप्रथम देश के प्रथम नागरिक महामहिम राष्ट्रपति , देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व विश्व के सबसे बड़े गैर राजनीतिक स्वयंसेवी संघठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत को सर्वप्रथम वेक्सीन लगाने के बाबत कहा गया , उसके बाद भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा का भी नाम लिखा गया ।
हालांकि इस सारी वोट की राजनीति में देश के महामहिम राष्ट्रपति व संघ प्रमुख को लाना , राजनीतिक रूप से भी शर्मनाक है, भाजपा प्रवक्ता का नाम लिखकर उन्होंने अंत मे पटापेक्ष करते हुए इस वेक्सीन के बहाने अपने राजनीतिक हित भी साध ही दिए ।
राजनीतिक विरोधी भी यह कह सकते थे की देश के प्रधानमंत्री देश वासियों के उत्साहवर्धन हेतु इस वेक्सीन का प्रयोग सर्वप्रथम कराए।
हालांकि यह सबका अपना अपना मत है की वो किसी इलाज को कराना चाहता है या नही , पर इस तरह की बयानबाजी देश के उन कोरोना वारियर्स और वैज्ञानिकों को तमाचा लगाने जैसा है जो विपरीत परिस्थितियों में भी देश की जनता के स्वास्थ्य के प्रति गम्भीर होकर कार्यो में लगे रहे।
साथ ही साथ उन देशवासियों के लिए ये शर्म का विषय है जिनके लिए इस वेक्सीन को बनाया गया और उन्ही के देश के राजनीतिक व्यक्तियो द्वारा उनकी आशाओं का उपहास बनाया जा रहा है , जो विश्व भर के लिए एक आश्चर्य की बात है।
विजित त्यागी (लेखक के विचार स्वतंत्र है, कलम निष्पक्ष है)