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सोमवार 30 नवंबर
पीएम संबोधन
हर हर महादेव के नारे से पीएम ने शुरू किया सम्बोधन काशीवासियों को भोजपुरी में दी बधाई
खास कर कार्यक्रम से जुड़े रोहनिया,कपसेठी आदि स्थानों का भी जिक्र किया।
देव दीपावली व गुरुनानक जयंती के प्रकाशोत्सव पर्व की भी दी बधाई
पीएम ने अपनी पहली काशी जनसभा के दौरान हंडिया से राजातालाब आने पर हाइवे पर होने वाली परेशानियों का जिक्र करते हुए 70 किमी से ज्यादा के इस सफर को आसान बताया
कांवड़ यात्रा के दौरान सिक्स लेन से आमजनों को होने वाली परेशानियों के निजात की बात कही
काशी के सुंदरीकरण व कनेक्टिविटी का भी ज़िक्र करते हुए आजादी के बाद से बनारस में इतना विकास कार्य कभी नही हुआ
पिछले 6 वर्षों में बनारस में हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाओं को पूर्ण किया गया और कुछेक पर कार्य जारी है।
रेलवे की कनेक्टिविटी भी बेहतर हुई।रिंग रोड फेज टू सुल्तानपुर,लखनऊ, आजमगढ़ की यात्राएं आसान होंगी।
पीएम मोदी ने कहा अच्छी सड़क का लाभ किसानों को होता है.
किसान रेल की शुरुआत की गई है. आधुनिक चीजों का फायदा किसानों को भी होता है.
आज सरकार के प्रयास से किसान को लाभ मिल रहा है.
किसान विदेश में निर्यात कर रहा है. लंदन तक में भारत की फल सब्जियों की मांग है.
एक हजार किसान परिवार काले चावल की खेती कर रहे हैं.
काला चावल आज ऑस्ट्रेलिया निर्यात हो रहा है.
किसान सुधार और उनके हित में हमने काम किया है. काला चावल आज 300 रुपये बिक रहा है.
हमने किसानों को सशशक्त करने का रास्ता अपनाया है.
किसानों की आमदनी बढ़ाने पर हम लगातार काम कर रहे हैं.
किसानों को फसल बेचने की आजादी है,.
नए कानून में पुराने तरीके से फसल बेचने की आजादी भी है.
नया कानून किसानों के लिए फायदेमंद हैं.
जिन्हों ने दशकों तक किसानों के साथ छल किया है वही अब भ्रम फैला रहे हैं. अब विरोध का आधार भ्रम है.
जो हुआ ही नहीं उसको लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है.
पहले MSP पर खरीद कम होती थी.
पहले किसानों के साथ सिर्फ धोखा होता था.
पहले खाद की कालाबजारी होती थी.
झूठ फैलाना उनकी आदत हो गई है.
किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाएं घोषित होती थीं
लेकिन वो खुद मानते थे कि 1 रुपए में से सिर्फ 15 पैसे ही किसान तक पहुंचते थे.
हमने वादा किया था कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुकूल लागत का डेढ़ गुना MSP देंगे.
ये वादा सिर्फ कागज़ों पर ही पूरा नहीं किया गया
बल्कि किसानों के बैंक खाते तक पहुंचाया है.
आपको याद रखना है, यही लोग हैं जो पीएम किसान सम्मान निधि को लेकर ये लोग सवाल उठाते थे.
ये अफवाह फैलाते थे कि ये मोदी है इसलिए ये चुनाव को देखते हुए 2 हजार रूपये दिया जा रहा है
और चुनाव के बाद इस पैसे को ब्याज सहित वापस देना पड़ेगा.
एक राज्य में तो वहां की सरकार, अपने राजनीतिक स्वार्थ के चलते
आज भी किसानों को इस योजना का लाभ नहीं लेने दे रही है.
देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के बैंक खाते में सीधी मदद दी जा रही है.
अब तक लगभग 1 लाख करोड़ रुपए किसानों तक पहुंच भी चुका है.