देहरादूनः- उत्तराखण्ड प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड के दो वर्ष पूर्ण होने पर उन्हें नम आखों से भावभीनी श्रद्वाजंलि अर्पित की गई और उनके परिजनों को न्याय दिलाये जाने हेतु प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से घण्टाघर तक कैन्डल मार्च निकाला गया। उन्होंने कहा कि हमारी बेटी अंकित भंडारी को आजतक न्याय नही मिला। प्रदेश अध्यक्ष ज्योति ने कहा कि अंकित हत्याकाण्ड की जॉच सीबीआई से कराये जाने तथा दोषियों को फांसी की सजा दिये जाने की मांग को लेकर आज महिला कंग्रेस द्वारा द्वारा कैन्डल मार्चा निकालकर हत्याकाण्ड की जांच सीबीआई से कराये जाने तथा रिसॉर्ट में आने वाले वी.आई.पी. के नाम का खुलासा करने की मांग की।
ज्योति रौतेला ने कहा कि अंकिता हत्याकाण्ड मानवता के लिए शर्मसार करने वाला तथा देवभूमि उत्तराखण्ड की अस्मिता को कलंकित करने वाली घटना है जिसके लिए दोषियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए जो कि इस प्रकार के अपराध करने वालों के लिए एक नजीर साबित हो। उत्तराखण्ड राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है तथा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार में महिलाओं पर अत्याचार की घटनायें लगातार बढती जा रही हैं। भाजपा नेता के रिजार्ट में राज्य की बेटी अंकिता भण्डारी के साथ हुई जघन्य अपराध की घटना के उपरान्त जिस प्रकार रातोंरात सबूत नष्ट करने का काम किया गया उससे स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार में अपराधियों को खुला संरक्षण दिया जा रहा है। जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा रिसॉर्ट पर बुल्डोजर फिराने के आदेशों से इनकार किया गया तथा भाजपा सरकार सबूत नष्ट करने के बाद अपनी पीठ थपथपा रही है। उन्होंने कहा कि इस जघन्य आपराधिक घटना में शामिल सभी लोगों के नामों का खुलासा होना चाहिए जिसके लिए कांग्रेस पार्टी इस जघन्य हत्याकाण्ड की जांच सीबीआई से कराने की मांग करती है। सीबीआई जॉच ना होने के कारण आजतक अंकिता को न्याय नही मिल पाया है। आंखिर सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि भाजपा सीबीआई जॉच कराने से क्यों डर रही है?
ज्योति रौतेला ने कहा कि भाजपा नेता के पुत्र का रिसॉर्ट होने के चलते राज्य सरकार द्वारा शुरूआत से ही इस जघन्य अपराध की घटना पर पर्दा डालने का काम किया गया। सरकार के दबाव में पहले राजस्व पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज करने में हीला हवाली की गई तथा इसके उपरान्त रेगुलर पुलिस द्वारा 19 सितम्बर, 2022 को लापता हुई युवती की चार दिन तक भी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। उन्होंने कहा कि जब कभी भी ऐसी घटना होती है तो उस स्थान को सील कर दिया जाता है परन्तु रात के अंधेरे में सबूतों को नष्ट करने का काम किया गया। जिस वीआईपी के नाम पर अंकिता हत्याकाण्ड को अंजाम दिया गया उसके नाम का भी खुलासा करने में सरकार के दबाव में पुलिस प्रशासन कतरा रहा है। उन्होंने कहा कि कंाग्रेस पार्टी लगातार कहती आ रही है कि भाजपा शासन में प्रदेश में भय का वातावरण बना हुआ है। आज राज्य की महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं।