उत्तराखंड में लगातार भूकंप आने का सिलसिला जारी है। एक बार फिर प्रदेश में भूकंप से धरती डोली है। सोमवार सुबह पिथौरागढ़ में आए भूकंप से लोगों में दहशत का माहौल है। लगातार आ रहे भूकंप से भूगर्भ वैज्ञानिक उत्तराखंड में किसी बड़े भूकंप की आशंका जता रहे हैं। उत्तराखंड के पहाड़ी जिले पहले भी विनाशकारी भूकंप की मार झेल चुके हैं।
मिली जानकारी के अनुसार पिथौरागढ़ से 48 किमी उत्तर पूर्व में 4 तीव्रता का भूकंप आया। बताया जा रहा हैकि पिथौरागढ़ जिले के नजदीक के साथ ही इससे सटे पड़ोसी देश नेपाल में भी भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। हालांकि अभी तक किसी भी तरह के नुकसान की जानकारी नहीं है। वहीं रविवार शाम को हरियाणा के फरीदाबाद में भी भूकंप आया था। फरीदाबाद में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 मैग्नीट्यूड थी। दिल्ली एनसीआर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए है।
वहीं प्रदेश में इससे पहले 5 अक्टूबर को भी उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया था कि आधी रात के बाद 3:49 बजे 3.2 तीव्रता का भूकंप आया था। उत्तरकाशी जिले में पिछले 6 महीने के दौरान 10 बार भूकंप आ चुके हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी आ रहे छोटे छोटे भूकंप बड़े भूकंप का ट्रेलर हैं। धरती के अंदर इकट्ठा हो रही ऊर्जा उस रूप में बाहर निकल पा रही है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड भूकंप जोन 4 और 5 में आता है, जिसकी वजह से यहां भूकंप का खतरा ज्यादा रहता है. उत्तराखंड के अति संवेदनशील जोन 5 की बात करें तो इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं। इसके अलावा उधम सिंह नगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी और अल्मोड़ा जोन 4 में आते है। बता दें कि जोन 4 और 5 को भूकंप के लिहाज से अतिसंवेदनशील माना जाता है। उत्तराखंड में अतीत में भी भूकंप आ चुके हैं और तबाही मच चुकी है।
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