सहारनपुर के ग्रामीण इलाकों में पेट्रोल और डीजल की कालाबाजारी का खेल खुलेआम चल रहा है। जनपद के पूर्ति विभाग के संरक्षण में कई स्थानों पर तेल माफियाओं द्वारा अवैध रूप से फर्जी पेट्रोल पंप संचालित किए जा रहे हैं। जिसका खुलासा स्टिंग ऑपरेशन में हुआ है। तेल माफियाओं के गुर्गों ने खुफिया कैमरे के सामने कबूल किया कि इन अवैध पेट्रोल पंप को चलाने के लिए वह हर महीने पूर्ति विभाग के अधिकारियों को अवैध कमाई का हिस्सा देते हैं। दावा किया कि जब कोई विभाग का छोटा कर्मचारी कार्रवाई के लिए वहां आता है तो सीधा जिला कार्यालय से उसके पास फोन आता है और वह बिना किसी कार्रवाई के वहां से लौट आता है। स्टिंग ऑपरेशन में पहले फर्जी पेट्रोल पंप का खुलासा चिलकाना के गुमटी गांव में स्थित किसान फिलिंग स्टेशन पर हुआ। यहां अवैध रूप से खुलेआम फर्जी पेट्रोल पंप चल रहा था। जब हमारी टीम यहां पहुंची तो और पेट्रोल खरीदने के बहाने यहां पर स्टिंग ऑपरेशन किया गया तो पता चला की पेट्रोल की कीमत भी यहां पर तय कीमत से ₹23 यानी 115 रुपए प्रति लीटर थी। बताया जाता है कि यहां पर रोजाना एक से डेढ़ लाख रुपए का पेट्रोल बेचा जाता है। जिसमें से कुछ हिस्सा सीधा पूर्ति विभाग के अधिकारियों को भेजा जाता है। बायकदा पेट्रोल पंप की तरह ही यहां भी रोजाना एक पेट्रोल का टैंकर आता है। जिससे साफ हो जाता है कि पूरे मामले में पूर्ति विभाग के अधिकारियों की बड़ी मिली भगत है। इसके बाद हमारी टीम सहारनपुर नगर क्षेत्र से सटे गांव बहडेकी में पहुंचती है और यहां भी किसान फिलिंग स्टेशन के नाम से ही एक फर्जी पेट्रोल पंप चला मिला। जिस पर धड़ल्ले से पेट्रोल और डीजल की बिक्री हो रही थी।
जब पूछा गया कि विभागीय अधिकारी आते हैं या नहीं तो पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि उनका हिस्सा हर महीने भेज दिया जाता है। दावा किया कि पुलिस से लेकर सभी विभाग को पैसा यहां पर भेजा जाता है। सूत्रों की माने सहारनपुर में करीब 30 से अधिक फर्जी पेट्रोल पंप तेल माफिया द्वारा चलाए जा रहे हैं। जहां पर 110 से 115 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल पंप दिया 110 से 115 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल और ₹100 डीजल बेचा जाता है। यह सभी पेट्रोल पंप ऐसे क्षेत्र में चल रहे हैं जहां पर अधिकारियों का जाना नामुमकिन है। इंडिया न्यूज़ के स्टिंग ऑपरेशन में एक सबसे बड़ा खुलासा यहां हुआ कि सहारनपुर के गांव-गांव में परचून की दुकानों पर भी पेट्रोल और डीजल खुलेआम बेचा जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि जिस तरीके से परचून की दुकानों पर भी पेट्रोल की बिक्री हो रही है वह सुरक्षा के लिए लिहाज से तो बड़ा खतरा है। ऊपर से पेट्रोल की कालाबाजारी भी खुलेआम हो रही है। स्ट्रिंग ऑपरेशन के दौरान सामने आया कि गांव-गांव में दुकानों के सामने पेट्रोल की बोतले रखी हुई है। जहां पर लोग खुलेआम पेट्रोल खरीद रहे हैं। स्ट्रिंग ऑपरेशन में जिस तरीके से सामने आया कि सहारनपुर के गांव-गांव में पेट्रोल और डीजल माफियाओं का आतंक चल रहा है अवैध रूप से पेट्रोल पंप चलाए जा रहे हैं साफ हो जाता है की पूर्ति विभाग जिसकी जिम्मेदारी इन चीजों को रोकना होता है। लेकिन विभाग के अधिकारी अपने संरक्षण में पेट्रोल और डीजल माफिया से खुलेआम तेल बिकवा रहे हैं। सहारनपुर में चलने वाले अवैध पेट्रोल पंप के ज्यादातर मालिक मुजफ्फरनगर से संबंध रखते हैं और पूर्ति विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ करके वह इस पूरे खेल को अंजाम दे रहे हैं। के न्यूज़ द्वारा इस पूरे खुलासे के बाद अब देखना है कि शासन और उच्च अधिकारी इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं यह बड़ी बात होगी?
बाइट- मनीष बंसल, डीएम सहारनपुर
रिपोर्ट-प्रशांत त्यागी
" "" "" "" "" "