लखनऊ। प्रदेश के छह नगर निगम क्षेत्रों के नागरिकों को अब गृह कर, जल कर जल मूल्य और सीवर के अलग-अलग बिल भरने की समस्या से मुक्ति मिलने जा रही है।

नगर विकास विभाग ने लखनऊ, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी और झांसी नगर निगम में एकीकृत बिल प्रणाली लागू कर दी है। इसमें नगर निगम और जलकल द्वारा अलग-अलग बिल बनाने के बजाय एक वार्षिक बिल बनाकर दिया जाएगा।

नागरिकों को इस बिल के एकमुश्त, अर्द्धवार्षिक या त्रैमासिक भुगतान की सुविधा भी दी जाएगी। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।

अभी तक थी अलग-अलग बिल प्रणाली

वर्तमान में लखनऊ, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, झांसी और वाराणसी नगर निगम में गृह कर, जल कर, जल मूल्य और सीवर कर के लिए अलग-अलग बिल प्रणाली अपनाई जा रही थी। इससे नागरिकों को असुविधा के साथ बिल संग्रह में भी परेशानी होती थी।

इसके लिए इसके लिए नगर निगम वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले तीन माह में आंकड़े संकलित करेंगे। जल निगम नगरीय और संबंधित नगर निगम समन्वय कर अपनी सीमा की सभी संपत्तियों के भवन स्वामी आदि का एकीकृत डेटाबेस विकसित करेंगे, इसमें संपत्ति पहचान संख्या, जल कनेक्शन एवं सीवरेज कनेक्शन का विवरण शामिल होगा।

नगर निगम द्वारा निर्धारित तिथि से पूर्व पूर्ण भुगतान करने वाले करदाताओं को कुल देयक धनराशि पर नियमानुसार छूट प्रदान की जाएगी। वहीं भुगतान में देरी पर वर्तमान नियमों की तरह ही बकाया राशि पर अधिभार लागू होगा।

एकीकृत बिलिंग प्रणाली ई-नगर सेवा पोर्टल पर प्रदर्शित की जाएगी। इससे आनलाइन भुगतान और शिकायत निवारण की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। बिल का भुगतान ई नगर सेवा पोर्टल, मोबाइल एप्लिकेशन या नगर निगम के संबंधित काउंटरों से ऑनलाइन ही किया जा सकेगा।

बिलिंग व भुगतान संबंधी समस्याओं के के निदान के लिए निगम कार्यालयों में हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे। प्रमुख सचिव ने प्रणाली लागू करने के लिए जल्द कार्रवाई करने और नगरीय निकाय निदेशक को निर्देशों के अनुपालन की पाक्षिक समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।

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