कानपुर। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की पहल से चार परिवार कर्ज मुक्त हो गए। उत्तर प्रदेश ऋण मोचन योजना के तहत कर्जदार के निधन के बाद उनके स्वजन को कर्ज की मूल राशि जमा करने पर उनकी बंधक जमीन छोड़ दी जाती है। योजना पिछले वर्ष से चल रही है लेकिन विभागीय अधिकारियों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
जिलाधिकारी ने अफसरों से चार ऐसे परिवार बताने के लिए कहा जिनके मुखिया का निधन हो चुका हो और स्वजन आर्थिक स्थिति ठीक न हो पाने के कारण कर्ज चुकाकर अपनी बंधक भूमि न छुड़ा पा रहे हो।
ऐसे परिवार चिह्नित होने के बाद जिलाधिकारी ने खुद और कुछ संस्थाओं की मदद से इनका कर्ज जमा कराकर बंधक जमीन छुड़वा दी। कर्ज से मुक्त होते ही इन परिवारों को अपार खुशी मिली। खुशी से आंखें डबडबाईं और रुंधे गले से यही शब्द निकले कि जुग-जुग जियो डीएम साहब, कर्ज चुकाकर हमारी बंधक जमीन छुड़ा दी।
इन चारों परिवारों ने उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड से कर्ज लिया था। ये परिवार ऐसे थे कि न तो अभी ऋण चुका सकते हैं और न ही उनके भविष्य में ऋण चुकाने की संभावना थी। यह वह लोग थे जो गारंटी में अपनी भूमि बंधक रखकर बिना छुड़ाए इस दुनिया से चले गए। जिलाधिकारी ने उनके परिवार को उनका खोया सम्मान लौटाकर नई पहचान उन्हें दी है।

ये चार परिवार कर्जमुक्त हुए

अमौली सरसौल निवासी रविंद्र ने 48 हजार का कर्ज लिया था। यह राशि ब्याज सहित 89 हजार हो गई थी। रविंद्र का निधन हो चुका है। यह बकायेदारी उनके पुत्र शनि के नाम हो गई थी। हरदौली, घाटमपुर निवासी रामवती ने 30 हजार का कर्ज लिया था। ब्याज सहित यह राशि 60 हजार हो गई थी। उनका निधन होने पर पुत्र प्रमोद की सहायता कर ऋण मुक्त कराया कराया गया।

बलहापारा, पतारा निवासी गोधन ने 20 हजार का कर्ज लिया था। उनका निधन हो गया था। ब्याज सहित 39 हजार का कर्ज उनकी पुत्रियों कनक व गुंजन को चुकाना था। आर्थिक सहायता देकर उन्हें ऋण मुक्त कराया गया। मुहपोहा, शिवराजपुर निवासी कन्हैया लाल ने 18 रुपये कर्ज लिया था। उनके निधन के बाद यह राशि ब्याज समेत 27 हजार रुपये उनकी पत्नी शिवप्यारी को चुकानी थी। उनका कर्ज भी जमा कर दिया गया। इन चारों परिवारों की बंधक संपत्ति को मुक्त कराया गया।

यह है ऋण मोचन योजना

उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड की ओर से मृतक ऋणी सदस्यों के लिए ऋण मोचन योजना 2024 से लागू की गई है। यह योजना उन ऋणी सदस्यों के परिवारों को राहत देने के लिए बनाई गई है, जिनकी ऋण अदायगी से पूर्व मृत्यु हो चुकी है। योजना के तहत मृतक ऋणी सदस्यों के वारिसों को उनके बकाया मूलधन का भुगतान करना होगा और ब्याज में छूट दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य उन परिवारों को आर्थिक राहत देना है जो अपने प्रियजन की मृत्यु के बाद ऋण के बोझ तले दबे हैं।

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