गोरखपुर। अवैध निर्माण को शमन के माध्यम से नियमित कराने के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण विशेष अभियान चलाने जा रहा है। इस दौरान ऐसे निर्माण जो पूरा होने के कगार पर हैं, जहां फिनिशिंग आदि का कार्य चल रहा, प्राधिकरण के विशेष निशाने पर हैं। प्राधिकरण ऐसे निर्माण का शमन कराने का मौका देगा। ऐसा नहीं करने पर उसे सील करेगा।
प्राधिकरण में दो साल से शमन की प्रक्रिया ठप पड़ी थी। लेकिन, कोर्ट के निर्देश के क्रम में जारी शासनादेश के बाद अब फिर से इस सुविधा को प्राधिकरण ने शुरू किया है। इसकी पूरी कार्ययोजना तैयार करने के साथ ही हर माह 5.55 करोड़ रुपये की आय अर्जित करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। जोनवार लक्ष्य तय किए गए हैं। गुरुवार को शमन मानचित्र स्वीकृति के लिए विशेष शिविर का आयोजन भी किया जाएगा।
प्राधिकरण सचिव उदय प्रताप सिंह शमन मानचित्र स्वीकृति को तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश देने के साथ ही इसे गंभीरता से लेने का निर्देश दिया है। इसे लेकर उन्होंने सभी अभियंताओं के साथ बैठक भी की है, जिसमें तय हुआ है कि फिनिशिंग स्तर पर जो निर्माण हैं, उन्हें शमन के लिए प्रेरित किया जाए। यदि उनके द्वारा अपने निर्माण का शमन कराने में रुचि नहीं लिया जा रहा तो तत्काल सील किया जाए।
इसके अलावा निर्माणाधीन भवनों से अग्रिम शमन शुल्क जमा कराय जाए और निर्माण पूरा होने के उपरांत शमन मानचित्र स्वीकृत करते हुए अग्रिम जमा धनराशि को समायोजित किया जाए। लेकिन, शमन कराने पर रूचि न लिए जाने पर तत्काल सील किया जाए। इसी तरह लगभग एक वर्ष व उससे पूर्व के अवधि के ऐसे समस्त शमन योग्य निर्माण जो पूरे हो चुके हैं, लेकिन शमन नहीं कराया गया, चेतावनी पत्र देकर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
बैठक में प्राधिकरण के ओएसडी प्रखर उत्तम, प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह, अधिशासी अभियंता विवेक शर्मा, सहायक अभियंता ज्योति राय, राज बहादुर, अजय पाण्डेय, संजीव तिवारी, अवर अभियंता धर्मेंद्र गौड़, दीपक कुमार, प्रभात कुमार, सुनील शर्मा, मनीष त्रिपाठी, शोभित कन्नौजिया आदि मौजूद रहे।

शमन मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। सभी संबंधित अधिकारियों- कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। सभी सहायक अभियंता एवं अवर अभियंता को अपने-अपने जोन में तय लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कार्रवाई करते हुए शमन मानचित्र का निस्तारण करने को निर्देशित किया गया है। गुरुवार को विशेष मानचित्र निस्तारण शिविर भी आयोजित किया जाएगा। -आनंद वर्द्धन, उपाध्यक्ष, जीडीए

ऐसे होगा अवैध निर्माण का शमन

स्वीकृत मानचित्र के सापेक्ष यदि अन्य निर्माण कर लिया गया है तो प्राधिकरण 10 फीसदी निर्माण को नियमित कर सकता है। उसके लिए शमन शुल्क जमा कराया जाएगा। ऐसा निर्माण जिनका शमन नहीं हो सकता उसे तोड़ने के लिए भवन स्वामी को 15 दिन का वक्त मिलेगा। तब अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
इसके अतिरिक्त यदि किसी ने बिना मानचित्र स्वीकृत कराए भवन निर्माण कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक उसे भी मानचित्र बनाने और शमन कराने के लिए मौका मिलेगा। सीधे ध्वस्तीकरण का आदेश नहीं होगा।

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