क्या है पूरा मामला?
19 नवंबर को सिविल जज कोर्ट में मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया था। कोर्ट ने उसी दिन सर्वे का आदेश दिया और वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया था। उसी दिन शाम को मस्जिद में वीडियोग्राफी कराई गई थी। इसके बाद एडवोकेट कमिश्नर ने रविवार को दूसरे चरण की वीडियोग्राफी कराई। इसी दौरान बवाल हो गया था। इसमें पथराव और फायरिंग में चार लोगों की मृत्यु हो गई थी। कई पुलिस व प्रशासनिक अफसरों के साथ सिपाही घायल हुए थे। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
10 बड़ी बातें
- जिले में सुरक्षा को चार सुपर जोन और 55 सेक्टर में बांटा गया है, जहां करीब 300 प्वाइंट बनाए गए हैं।
- हर संवेदनशील स्थान पर पुलिस की कड़ी नजर है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चार त्वरित प्रतिक्रिया दल भी तैनात किए गए हैं।
- सुरक्षा बलों में नौ कंपनियां पीएसी, आरएएफ और अन्य पुलिस बलों को लगाया गया है, जिससे नमाज के दौरान शांति और व्यवस्था बनी रहे।
- प्रशासन ने सुरक्षा इंतजामों को सुनिश्चित करने के लिए हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर नजर रखने की व्यवस्था की है।
- इस दौरान पुलिसकर्मियों को मुस्तैद रहने और किसी भी अप्रिय घटना पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
- पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है, और सभी सुरक्षा प्वाइंट्स पर सघन निगरानी रखी जा रही है।
- पुलिस और प्रशासन के इस व्यापक सुरक्षा इंतजाम से लोगों में विश्वास कायम रखने की कोशिश की गई है।
- सुरक्षा में छह अपर पुलिस अधीक्षक, एक दर्जन से अधिक सीओ, 50 से अधिक निरीक्षक शामिल है।
- जिला मजिस्ट्रेट ने पुलिस अधिकारियों के साथ तकरीबन 70 मजिस्ट्रेट की तैनाती की है। इनमें सभी डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम के अलावा ग्राम्य विकास विभाग से मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक डीआरडीए, डीपीआरओ और सभी खंड विकास अधिकारियों को लगाया गया है।
- प्रत्येक विभाग के सभी सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता को मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किया गया है, जिन्हें संभल में अलग-अलग प्वॉइंट पर नमाज के दौरान तैनात किया जाएगा और वह निर्धारित रूट पर पुलिस के साथ मार्च भी करते रहेंगे।
शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील
संभल में बीते 24 नवंबर को हुए बवाल के बाद शहर में धीरे-धीरे आम जन जीवन पटरी पर लौटने लगा है। वहीं, धर्म गुरुओं की ओर से भी लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है, जिससे कामकाज दोबारा से अपने उसी स्तर पर लौट सके।
नगर के मुहल्ला कोट गर्वी स्थित जामा मस्जिद में रविवार को सर्वे के दौरान उपद्रवियों ने बवाल कर दिया था, जिसके बाद से आम जनजीवन पर काफी प्रभाव पड़ा था। बवाल के अगले दिन बाजार में दुकानें भी बंद रही थी, लेकिन अधिकारियों ने लोगों को समझा बुझाकर दुकानें खोले के लिए व्यापारियों को प्रेरित किया। इसके बाद धीरे धीरे बाजार करके सभी दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोलना शुरू कर दिया और वहां रौनक भी लौटने लगी। गुरुवार को अधिकांश दुकानें खुली हुई थी, जहां आम दिनों की तरह लोग खरीदारी करने के लिए भी पहुंच रहे थे। ऐसे में परचून व पंसारी ही नहीं अन्य दकानों पर भी खरीदार काफी संख्या में नजर आ रहे थे। मगर इन खरीदारों में ग्रामीण क्षेत्र के खरीदारों की संख्या काफी कम दिखाई दे रही थी।
इस स्थिति में लोगों को जागरूक करने के लिए अब धर्म गुरु सामने आये हैं। जो लोगों को जागरूक करते हुए उनसे शांति व्यवस्था बनाए रखने तथा अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील कर रहे हैं, जिससे आम जनमानस के बीच में वैमनस्य की भावना न रहे और सभी आपसी भाईचारे के साथ मिलजुलकर रहें, जिससे असामाजिक तत्वों के मंसूबे कामयाब न हो सके और शहर में शांति व्यवस्था भी बनी रहे।