गोरखपुर। गोरखपुर में बर्ड फ्लू ने दस्तक दी है। सोमवार को राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल ने बाघिन शक्ति की विसरा जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि की है। आशंका है कि अन्य वन्यजीव भी इसकी चपेट में आ सकते है। चिड़ियाघर में पांच मई को भेड़िया भैरवी और सात मई को बाघिन शक्ति की मौत एक ही जैसे हुई थी।
दोनों की तबीयत 24 घंटे में बिगड़ी थी। इस दौरान दोनों ने पानी नहीं पिया और अंत में शरीर ने काम करना बंद कर दिया। चिड़ियाघर प्रशासन को आशंका थी कि दोनों में एक जैसा संक्रमण हो सकता है। इसके लिए इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली के साथ ही राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान, भोपाल को इनका विसरा भेजा गया था।
सोमवार को भोपाल से बाघिन शक्ति की जांच रिपोर्ट आने के बाद सनसनी फैल गई। पूछताछ में पता चला कि चार दिन पहले चिड़ियाघर के बाड़े में जांच की गई तो कुछ पक्षी मृत मिले थे, लेकिन सफाईकर्मियों ने इन्हें फेंक दिया था। चिड़ियाघर के निदेशक विकास यादव ने कहा कि बाघिन शक्ति की विसरा रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। इसे देखते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

बाघिन के संपर्क में रहने वालों के लिए जाएंगे नमूने

बर्ड फ्लू से संक्रमित रही बाघिन की देखरेख व उपचार में शामिल डाक्टर व कर्मियों के नमूने लिए जाएंगे। चिकित्सकों के अनुसार बर्ड फ्लू जानवर से मनुष्य में फैल सकता है। इसलिए संक्रमित बाघिन के संपर्क में रहने वालों की जांच आवश्यक है। स्वास्थ्य विभाग की टीम मंगलवार को चिड़ियाघर जाएगी, उनके नमूने लेगी। उन कर्मियों के संपर्क में आए लोगों के भी नमूने लिए जाएंगे।

सीएमओ डा. राजेश झा ने कहा कि इस बीमारी की रोकथाम के लिए यह जरूरी है। एहतियातन जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं ताकि यदि किसी में इस बीमारी का संक्रमण हो तो उसका तत्काल उपचार करा दिया जाए और यह बीमारी फैलने न पाए। विशेषज्ञों के अनुसार बर्ड फ्लू एक संक्रामक बीमारी है जो पक्षियों में फैलती है, लेकिन यह कभी-कभी मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकती है। इसलिए इस बीमारी के बारे में जागरूक होना, इसके लक्षणों और बचाव के उपायों को समझना जरूरी है।
मनुष्य में इन्फ्लूएंजा ए के एच5 उपप्रकार सबसे आम कारण हैं। यह हल्के से गंभीर श्वसन संबंधी लक्षण और गुलाबी आंख का कारण बन सकता है। मुर्गीपालन, पक्षियों व जानवरों के संपर्क में रहने वालों में इसके फैलने की आशंका ज्यादा होती है।

बढ़ी सतर्कता

बर्ड फ्लू के लक्षण बुखार, खांसी, सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, सांस लेने में कठिनाई, आंखों का लाल होना व नाक बहना, दस्त, उल्टी, पेट दर्द।

स्वास्थ्य विभाग की टीम मंगलवार को चिड़ियाघर जाएगी। संक्रमित बाघिन के संपर्क में रहने वाले लोगों व उनके संपर्कियों के नमूने लिए जाएंगे। उनकी जांच कराई जाएगी। बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए यह बेहद जरूरी है। -डा. राजेश झा, सीएमओ।

ऐसे कर सकते हैं बचाव

  • बार-बार साबुन-पानी से हाथ धोएं, खासकर पक्षियों या उनके मल-मूत्र के संपर्क में आने के बाद।
  • सार्वजनिक स्थानों पर जाने से पहले मास्क जरूर लगा लें। पोल्ट्री फार्म में भी यह सतर्कता बरतें।
  • पक्षियों के संपर्क में आने से बचें, खासकर यदि वे बीमार या मृत हैं।
  • यदि आपको पक्षियों के मल-मूत्र को साफ करना पड़े, तो दस्ताने पहनें और साफ करने के बाद साबुन-पानी से हाथ धो लें।
  • आपके आसपास यह बीमारी फैली हो तो घर में पालतू पक्षी न रखें।
  • छुट्टा कुत्तों को आसपास न आने दें।
  • बासी भोजन ने करें।
  • खुले में बिक रहा सामान न खरीदें।
  • कच्चा या अधपका मांस न खाएं।
  • स्वस्थ आहार लें और पर्याप्त पानी पिएं। कोशिश करें कि दिनभर में आप तीन से चार लीटर पानी पीएं।
  • बर्ड फ्लू का टीका काफी हद तक संक्रमण से बचाव करता है।
  • यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में यात्रा कर रहे हैं जहां बर्ड फ्लू के मामले हैं, तो सावधानी बरतें।
  • यदि बर्ड फ्लू के लक्षण दिखें तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें।
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